क्या बात हुई
क्या बात हुई (सजल)
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1222 2112
बता क्या वो बात हुई,
बिना तारों रात हुई।
जला है दिलदार बहुत,
कहीं घातक घात हुई।
नहीं करना काम अभी,
वही फिर शुरुआत हुई।
रही किस्मत साथ नहीं,
जिंदगी में है मात हुई।
कहीं चलती शीत हवा,
कहीं पर हिमपात हुई।
न मनसीरत ऑंख भरी,
बहुत भारी बरसात हुई।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)