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6 Jan 2017 · 1 min read

क्या बताऊँ…………. गज़ल

रदीफ़ :- गजल

क्या बताऊँ तुझे मैं की क्या है गजल,
बेवफा है कि तुझ सी वफा है गजल.

तेरी जुल्फों में है जैसे उलझी हुई,
या धड़कते दिलो की सदा है गजल.

तुम किसी दिल जले से ये करना पता,
उस के हर मर्ज की अब दवा है गजल.

तुम जरा पूछना शायरों से कभी,
शायरों के लिए तो खुदा है गजल.

जो जमाने से कुछ भी न कह पाए है,
उन सभी के लिए तो जुबां है गजल.

©निशान्त माधव

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