प्रणय 8
क्या फर्क पड़ता है जमाना हम दोनों को स्वीकार करें ना करें
हम दोनों ने एक दूसरे को स्वीकार कर लिया
बस इससे अधिक मेरे कोई चाहत नहीं है
क्या फर्क पड़ता है जमाना हम दोनों को स्वीकार करें ना करें
हम दोनों ने एक दूसरे को स्वीकार कर लिया
बस इससे अधिक मेरे कोई चाहत नहीं है