क्या पता था लोगों के रंग बदल जायेंगे
क्या पता था लोगों के रंग बदल जायेंगे
आस्तीन के साँप बाहर निकल कर आयेंगे
झूठ ही तो सहारा था सच को छुपा लेने का
मंझधार की डूबती कश्ती को कबतक संभाल पायेंगे
भूपेंद्र रावत
1।05।2020
क्या पता था लोगों के रंग बदल जायेंगे
आस्तीन के साँप बाहर निकल कर आयेंगे
झूठ ही तो सहारा था सच को छुपा लेने का
मंझधार की डूबती कश्ती को कबतक संभाल पायेंगे
भूपेंद्र रावत
1।05।2020