पुरुष की चीख
क्या तुमने कभी रातों में सुनी है
पुरुष की सन्नाटे भरी चीख ?
अगर नहीं,
तो सुनना कभी
वो भयानक चीख
जिसे सुनकर सारे विश्व में
छा जाती है निस्तब्धता ।
वो चीख स्त्री की चीख से
कहीं अधिक दर्दनाक है
क्योंकि पुरुष के चीखने पर
कोई नहीं होता
उसे धीरज बंधाने वाला ।
जब खो जाता है
पुरुष का संपूर्ण धैर्य,
तब उसकी आँखों से आँसू नहीं
समंदर बहता है ।
— सूर्या