मुस्कुराओ तो सही
क्या तकलीफ है तुम्हें, बताओ तो सही,
कभी फुर्सत में मेरे पास आओ तो सही।
मैं तुम्हारे हर मर्ज़ की दवा रखता हूँ,
एक बार अपनी नब्ज़ मुझे दिखाओ तो सही।।
मैं दिलों जान हाज़िर कर दूंगा खिदमत में,
बस एक बार मुझसे प्यार जताओ तो सही।
तेरी खुशियों पर कर दूँ न्योछावर, जीवन अपना,
तुम एक बार मुझे देख मुस्कुराओ तो सही।।
गर प्यार करती हो हमसे तो जताया करो,
यूँ दिल के अरमां ना दिल में छुपाया करो।
इंसानी दुनिया में लोग पालते हैं गलतफहमियां
यूँ हर किसी को देख कर न मुस्कुराया करो।।
© अभिषेक पाण्डेय अभि