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19 Jul 2021 · 1 min read

क्या कुछ आगे भी प्रयास किया जाये….

क्या कुछ आगे भी प्रयास किया जाये….
ווווווווווווווו×

हॅंसकर भी देखा,
रोकर भी देखा,
बात नहीं बनी !

तैरकर भी देखा,
डूबकर भी देखा,
बात नहीं बनी !

गाकर भी देखा ,
बजाकर भी देखा,
बात नहीं बनी !

चुप कर भी देखा ,
चिल्लाकर भी देखा,
बात नहीं बनी !

समझकर भी देखा ,
समझाकर भी देखा ,
कोई बात नहीं बनी !

अंधेरे में भी देखा ,
उजाले में भी देखा ,
हर हाल में कभी भी
कोई बात नही बनी !

तो फिर और कौन सा
नुस्खा अपनाया जाए ??
कि कुछ बात बन जाये !!!

क्या कुछ आगे भी
प्रयास किया जाये….
या फिर बीच का कोई
रास्ता अपनाया जाये ???

या फिर किस्मत को
खुद की कोसते हुए….
हाथ पर हाथ धरे….
यूॅं ही अपने हाल पर
बैठकर रोया जाये !!!

स्वरचित एवं मौलिक ।

अजित कुमार “कर्ण”
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 19-07-2021.
“””””””””””””””””””””””””””””
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Language: Hindi
5 Likes · 870 Views
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