क्या? किसी का भी सगा, कभी हुआ ज़माना है। क्या? किसी का भी सगा, कभी हुआ ज़माना है। प्रत्येक मनुष्य को बोझ अपना ख़ुद उठाना है।। नीलम शर्मा ✍️