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13 Jun 2024 · 1 min read

क्या कहूँ ?

क्या कहूँ ?
दिल …उदास !
मन ….बेचैन !
लब … खामोश !
आंखे …नम !

क्या कहूँ…कि ,
जाने ये कैसी माया है ?
जहां हर कुछ मैंने गवाया है !!

क्या कहूँ…कि ,
जाने ये कैसी परीक्षा है ?
जिसमें परिणाम विपरीत आया है !!

क्या कहूँ…कि ,
जाने ये कैसा वक्त है ?
जिसने हार ही बस दिखाया है !!

क्या कभी उभर पाऊंगी मैं ?
क्या कभी पुनः जीत पाऊंगी मैं ?

अंतर्मन में इन्हीं बातों का युद्ध छिड़ा हुआ है..!
क्या कहूं ,
आज बस इन्हीं दुविधाओं ने मुझे घेरा हुआ है ….!!

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