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16 Sep 2023 · 1 min read

क्या ऐसी स्त्री से…

न पैरों की जूती न जाने जी हज़ूरी
न पति परमेश्वर न आधी अधूरी
न पौरुष न अहंकार ने जीता
राम मिले तो बन गई सीता

न चाटुकारिता की चाशनी लिपटी
न स्वाँग ढोंग की निपुण नटी
बेबाक बोलना सच रग रग बसा
युक्ति तर्क सामने कोई न टिका

हक़ के लिए सदा होगी खड़ी
बात हो छोटी या फिर बड़ी
शायद तुमसे काबिल होगी
प्रतिभाशाली में शमिल होगी

धोखा छलावा सह न पाएगी
मान मिले तो पिघल जाएगी
सर झुकाया तो प्रेम भाव में
तोड़ी चुप्पी सम्मान अभाव में

आत्मसम्मान की इस गठरी का
आँखों में खटकती इस स्त्री का
क्या तुम साथ निभा पाओगे
क्या ऐसी स्त्री से प्रेम कर पाओगे

रेखांकन I रेखा
१६.९.२३

Language: Hindi
1 Like · 484 Views

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