Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2023 · 1 min read

*कौवा( हिंदी गजल/गीतिका )*

कौवा( हिंदी गजल/गीतिका )
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
(1)
इसे कहते हैं सच्चा हौसला, दिखला गया कौवा
गजल-प्रतियोगिता में देखो, गाने आ गया कौवा
(2)
हुई प्रतियोगिता सौंदर्य की, सद्भाग्य तो देखो
प्रथम ईनाम, सब पशु-पक्षियों में पा गया कौवा
(3)
दिवंगत आत्माओं को, नमन करने का अवसर था
प्रतीकों में ढला, तो हर जगह पर छा गया कौवा
(4)
कभी दो-चार दिन कोयल, कबूतर-तोता दिखते हैं
हमेशा मित्रता में नाम को लिखवा गया कौवा
(5)
बचा जो दे दिया हमने, कभी रोटी-डबलरोटी
बड़ी आत्मीयता से उसको, आकर खा गया कौवा
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997 61 5451

1 Like · 282 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

भोले बाबा की कृप
भोले बाबा की कृप
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
सच तो तस्वीर,
सच तो तस्वीर,
Neeraj Agarwal
फिर वही शाम ए गम,
फिर वही शाम ए गम,
ओनिका सेतिया 'अनु '
* विदा हुआ है फागुन *
* विदा हुआ है फागुन *
surenderpal vaidya
सच्चे प्रेमी कहलाते हैं
सच्चे प्रेमी कहलाते हैं
महेश चन्द्र त्रिपाठी
23/192. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/192. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चुलबुल चानी - कहानी
चुलबुल चानी - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गीत- कभी हँसकर कभी रोकर...
गीत- कभी हँसकर कभी रोकर...
आर.एस. 'प्रीतम'
उम्मीद
उम्मीद
ललकार भारद्वाज
दीवाना कर गया मुझे
दीवाना कर गया मुझे
Nitu Sah
शब्द मधुर उत्तम  वाणी
शब्द मधुर उत्तम वाणी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*जिस सभा में जाति पलती, उस सभा को छोड़ दो (मुक्तक)*
*जिस सभा में जाति पलती, उस सभा को छोड़ दो (मुक्तक)*
Ravi Prakash
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
विश्वासघात
विश्वासघात
लक्ष्मी सिंह
किसी ने दिया तो था दुआ सा कुछ....
किसी ने दिया तो था दुआ सा कुछ....
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मैया का जगराता- भजन- रचनाकार -अरविंद भारद्वाज
मैया का जगराता- भजन- रचनाकार -अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
Love Night
Love Night
Bidyadhar Mantry
ओझल मनुआ मोय
ओझल मनुआ मोय
श्रीहर्ष आचार्य
ये शिकवे भी तो, मुक़द्दर वाले हीं कर पाते हैं।
ये शिकवे भी तो, मुक़द्दर वाले हीं कर पाते हैं।
Manisha Manjari
विवाह की रस्में
विवाह की रस्में
Savitri Dhayal
सिरफिरा आशिक़
सिरफिरा आशिक़
Shekhar Chandra Mitra
"शिक्षा"
Dr. Kishan tandon kranti
जी सकिया ना में तेरे बिन
जी सकिया ना में तेरे बिन
Shinde Poonam
*मंगल मिलन महोत्सव*
*मंगल मिलन महोत्सव*
*प्रणय*
नश्वर संसार
नश्वर संसार
Shyam Sundar Subramanian
आज फ़िर एक
आज फ़िर एक
हिमांशु Kulshrestha
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
यह पृथ्वी रहेगी / केदारनाथ सिंह (विश्व पृथ्वी दिवस)
यह पृथ्वी रहेगी / केदारनाथ सिंह (विश्व पृथ्वी दिवस)
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
दिल से निकले हाय
दिल से निकले हाय
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
मेरी तुझ में जान है,
मेरी तुझ में जान है,
sushil sarna
Loading...