Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jun 2023 · 1 min read

कौन ?

कौन मुझे पकड़ रहा है ?
अजगर की तरह जकड़ रहा है

कौन अफीम की तरह घुल रहा है ?
किसकी वजह से लोग अपनो को भूल रहा है ?

कौन मां बेटे को दूर कर रहा है ?
पति पत्नी के रिश्ते को चकनाचूर कर रहा है

किसके कारण इंसान समाज से कट रहा है ?
युवा पीढ़ी आपस में बट रहा है

कौन सोने तक मेरे साथ है ?
सुबह जगने तक मेरे हाथ है

कौन ध्यान को भटका रहा है ?
बीच राह में अटका रहा है

दुर्घटना किसके कारण है बढ़ी ?
जिससे सेलफी की भूत चढ़ी

अपराध बोध कौन बढ़ा रहा है?
कौमार्य को कुमार्ग पर चढ़ा रहा है

आज की लाइफ स्टाइल
यही है वो मोबाईल !

2 Likes · 706 Views
Books from साहिल
View all

You may also like these posts

"कहानी (कहनी)"
Dr. Kishan tandon kranti
*खड़ा द्वार पर प्यार*
*खड़ा द्वार पर प्यार*
Rambali Mishra
दुविधा
दुविधा
उमा झा
बहुत मुश्किल होता है
बहुत मुश्किल होता है
हिमांशु Kulshrestha
शीर्षक -श्रीराम उत्सव!
शीर्षक -श्रीराम उत्सव!
Sushma Singh
किसी भी कीमत पर तेरी होना चाहती हूं
किसी भी कीमत पर तेरी होना चाहती हूं
Jyoti Roshni
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
जियान काहें कइलअ
जियान काहें कइलअ
आकाश महेशपुरी
देख तुझको यूँ निगाहों का चुराना मेरा - मीनाक्षी मासूम
देख तुझको यूँ निगाहों का चुराना मेरा - मीनाक्षी मासूम
Meenakshi Masoom
असफ़लता का दामन थाम रखा था ताउम्र मैंने,
असफ़लता का दामन थाम रखा था ताउम्र मैंने,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
विकल्प
विकल्प
Sanjay ' शून्य'
पहला कदम
पहला कदम
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
दो पंक्तियां
दो पंक्तियां
Vivek saswat Shukla
காதலும்
காதலும்
Otteri Selvakumar
हर दिन के सूर्योदय में
हर दिन के सूर्योदय में
Sangeeta Beniwal
मजेदार है जीवन
मजेदार है जीवन
महेश चन्द्र त्रिपाठी
आँखों देखी
आँखों देखी
Chitra Bisht
भोर
भोर
Omee Bhargava
खुल जाता है सुबह उठते ही इसका पिटारा...
खुल जाता है सुबह उठते ही इसका पिटारा...
shabina. Naaz
गुम हो जाते हैं साथ चलने वाले, क़दम भी कुछ ऐसे।
गुम हो जाते हैं साथ चलने वाले, क़दम भी कुछ ऐसे।
Manisha Manjari
राह बनाएं काट पहाड़
राह बनाएं काट पहाड़
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
जीवन के उतार चढ़ाव
जीवन के उतार चढ़ाव
Sudhir srivastava
#बड़ा_सच-
#बड़ा_सच-
*प्रणय*
' रहब हम मिथिलादेश में '
' रहब हम मिथिलादेश में '
मनोज कर्ण
ढूंढा तुम्हे दरबदर, मांगा मंदिर मस्जिद मजार में
ढूंढा तुम्हे दरबदर, मांगा मंदिर मस्जिद मजार में
Kumar lalit
शिवोहं
शिवोहं
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
नवरात्रि-गीत /
नवरात्रि-गीत /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
"किसी की याद मे आँखे नम होना,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Game of the time
Game of the time
Mangilal 713
Loading...