कौन है ?
हक़ीम ही हक़ीम है, बीमार कौन है।
सच कहो, दवा का खरीदार कौन है।
देखकर कतार आज मयकदे के सामने,
सोंचता हूँ , मुल्क में बेकार कौन है।
हर सवाल का जवाब लाज़मी है अब,
अब, पता चलेगा समझ-दार कौन है।
चिट्ठियों की ढ़ेर से भरी है जो गली,
इस गली में डाकिये का यार कौन है।
साजिशें रची गई, ये पता तो चल गया,
बस पता नहीं चला, शुमार कौन है।
इम्तहान अब शुरू हुआ है अब हुनर दिखा,
देखते है अब की असर-दार कौन है।