कौन है सबसे बड़ा
आज खड़ा एक प्रश्न विकट,
किसने बनाया इस सृष्टि को,
किसने रचा चराचर जीव ,
कौन खेलता खेल निराले,
कौन हमारे पीछे पड़ा,
कौन है सबसे बड़ा।
विकास की अंधाधुंध दौड़ में,
पशुता की अमर्यादित जंग में,
नग्नता की इस हुड़दंग में,
मानवता के पथ रौंदता,
मैं अपनों को ही हराने खड़ा,
कौन है सबसे बड़ा।
प्रकृति मनुज के द्वन्द युद्ध में,
श्रेष्ठता को करता सिद्ध मैँ,
तूने जितने पेड़ काटे,
रसायनों से बादल पाटे,
करने हिसाब वो खड़ा,
जो है सबसे बड़ा।
वही जो अदृश्य है,
अदृश्य होकर भी दृश्य है,
जो कभी भेद न करता
सबपर बराबर स्नेह सींचता,
आज तुझसे रुष्ट खड़ा,
जो है सबसे बड़ा ।
सम्हल जा स्थिति है कठिन,
चेतावनी है आज का दिन,
अब भी अगर तू ना समझा,
होड़ में यूँ ही रहा उलझा,
महाप्रलय करने वो खड़ा,
हाँ, हाँ जो है सबसे बड़ा।