कौन है जिस शख्स पर होती अब निगरानी नहीं। अब किसी से दिल लगाने में भी आसानी नही। दूर रह कर कैसे रह लेता है तू मुझको बता। मैं परीशां हर घड़ी तुझको परेशानी नहीं।
कौन है जिस शख्स पर होती अब निगरानी नहीं।
अब किसी से दिल लगाने में भी आसानी नही।
दूर रह कर कैसे रह लेता है तू मुझको बता।
मैं परीशां हर घड़ी तुझको परेशानी नहीं।
डॉक्टर सगीर अहमद सिद्दीकी खैरा बाजार बहराइच