कौन हूं मैं
श्रम साधना और ममत्व का संक्रमण हूं मैं
विद्या की देवी ,मेहनत का कलम हूं मैं
सभी को अपना बना लूं ,इतनी सरल हूं मैं
अपने सपनों को सच करने के लिए, साकार हूं मैं
मेहनत, लगन, आत्मविश्वास का ,आकार हूं मैं
सफलता की ऊंचाइयों को छूती हुई, गगन हूं मैं
प्रेम ,सौहार्द, अपनत्व को ,नमन हूं मैं
बेटी, बहन, पत्नी, मां, भाभी ,सखी का ,रूप हूं मैं
सत्य, मन, खुशी, ज्ञान, प्रेम, शांति का, स्वरूप हुं मैं