Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Apr 2017 · 1 min read

कौन किसे पनाह देताहै

कौन किसे पनाह देता है
पेड़ भी सूखे पत्ते गिरा देता है
वाकिफ है हम दुनिया के रिवाजो से
दिल भरते ही हर कोई ठुकरा देता है
जिंदगी का एक सच जो सबसे जुदा होता है
वक्त ही घाव देता है वक्त ही मरहम बना देता है
वाकिफ है दुनिया के दस्तूर से
सॉस रुकते ही हर कोई जनाजा निकाल देता है

Language: Hindi
373 Views

You may also like these posts

हकीकत को समझो।
हकीकत को समझो।
पूर्वार्थ
कर्मपथ
कर्मपथ
Indu Singh
विज्ञानी संदेश
विज्ञानी संदेश
Anil Kumar Mishra
फर्क़ है
फर्क़ है
SURYA PRAKASH SHARMA
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
तूफ़ान की स्थिति
तूफ़ान की स्थिति
Otteri Selvakumar
7.प्रश्न
7.प्रश्न
Lalni Bhardwaj
*स्वच्छ मन (मुक्तक)*
*स्वच्छ मन (मुक्तक)*
Rituraj shivem verma
3488.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3488.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
गीत खुशी के गाता हूँ....!
गीत खुशी के गाता हूँ....!
singh kunwar sarvendra vikram
औलाद का सुख
औलाद का सुख
Paras Nath Jha
मुक्तक ....
मुक्तक ....
Neelofar Khan
■ तेवरी-
■ तेवरी-
*प्रणय*
अध्यापिका
अध्यापिका
Kanchan Alok Malu
.........
.........
शेखर सिंह
तुम्हारे जैसे थे तो हम भी प्यारे लगते थे
तुम्हारे जैसे थे तो हम भी प्यारे लगते थे
Keshav kishor Kumar
जय श्री राम।
जय श्री राम।
Anil Mishra Prahari
चलो स्कूल
चलो स्कूल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*अति प्राचीन कोसी मंदिर, रामपुर*
*अति प्राचीन कोसी मंदिर, रामपुर*
Ravi Prakash
" शांत शालीन जैसलमेर "
Dr Meenu Poonia
गुलिस्तान के फूल
गुलिस्तान के फूल
शिवम राव मणि
धार्मिक इतने बनो की तुम किसी का बुरा न कर सको
धार्मिक इतने बनो की तुम किसी का बुरा न कर सको
Sonam Puneet Dubey
*मधु मालती*
*मधु मालती*
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
दिव्य-दोहे
दिव्य-दोहे
Ramswaroop Dinkar
दोहा पंचक. . . अर्थ
दोहा पंचक. . . अर्थ
sushil sarna
मै अकेला न था राह था साथ मे
मै अकेला न था राह था साथ मे
Vindhya Prakash Mishra
News
News
Mukesh Kumar Rishi Verma
हम
हम
Dr. Kishan tandon kranti
जब दादा जी घर आते थे
जब दादा जी घर आते थे
VINOD CHAUHAN
तू तो सब समझता है ऐ मेरे मौला
तू तो सब समझता है ऐ मेरे मौला
SHAMA PARVEEN
Loading...