*कोसी तुम कैसी हो (लॉकडाउन-गीत)*
कोसी तुम कैसी हो (गीत)
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कोसी तुम कैसी हो ,अपना हाल जरा बतलाना
( 1 )
अब तो हँसती होगी ,कलकल करती गति क्या पा ली
नजर न आती होगी , तुम फैक्ट्री के विष से काली
साँस तुम्हारा पानी , लेता होगा मधुर सुहाना
कोसी तुम कैसी हो ,अपना हाल जरा बतलाना
( 2 )
वही पुरातन जादू ,क्या तुममें फिर से है आया
क्या तुमने फिर जल का ,पहले-सा उल्लास दिखाया
सोच रहा हूँ कैसे ,गाती होगी अब तुम गाना
कोसी तुम कैसी हो ,अपना हाल जरा बतलाना
( 3 )
कितना अच्छा हो यह ,तट पर रोज सुहाने जाएँ
गालिब की तारीफें , जैसी थीं वैसा ही पाएँ
सदा तुम्हारे घाट ,लुटाएँ पावन नीर खजाना
कोसी तुम कैसी हो ,अपना हाल जरा बतलाना
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 9761 5451