==* कोशिश तो बहोत की *==
कोशिश तो की
न की, ऐसा कुछ नही
मिन्नत भी की
न की, ऐसा कुछ नही
आरजुयें रोती रही
अपने ही कंधो पर सर रखकर
फ़रियाद भी की
न की, ऐसा कुछ नही
अंजान थी डगर
जाने क्यू चल पड़ी हसरते
जिद भी की
न की, ऐसा कुछ नही
मानली हार दिलने
अपने ही अधूरे सवालों से
कोशिश तो बहोत की
न की, ऐसा कुछ भी नही
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शशिकांत शांडिले, नागपुर
भ्र.९९७५९९५४५०