कोशिश कर रहे हैं
ज़िंदगी संवारने की कोशिश कर रहे हैं
फिर उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं।।
वो जो नाराज़ है मुझसे न जाने क्यों
उनको मनाने की कोशिश कर रहे हैं।।
है मेरे दिल में जो बताने की कोशिश कर रहे हैं
जज्बातों को जुबां देने की कोशिश कर रहे हैं।।
लौट आएगी बहार भी उसके आने के बाद
सूखे फूलों को खिलाने की कोशिश कर रहे हैं।।
बिखरी ज़िंदगी को समेटने की कोशिश कर रहे हैं
उसकी कब्र के पास लेटने की कोशिश कर रहे हैं।।