कोशिश एक ओर करेंगे ______ कविता
समझ नहीं पाया आज तक।
आखिर कहा भूल हुई।
शूल सा चुभता न जाने क्यों
सादगी मेरी कहां कबूल हुई।।
पथ सुंदर ही चुना था।
सपना भी नेक बुना था।
चुनौतियों से नहीं,
राहें अपनों के कारण धूल हुई।।
कोशिश एक ओर करेंगे।
फिर से भाव भरेंगे।
अब तक की चाहे फिजूल हुई।।
राजेश व्यास अनुनय