कोशिशें तो की तुम्हे भूल जाऊं।
हमारे तुम्हारे ख्याल मुख्तलिफ है।
अगर तुम पूरब से हो तो हम भी पश्चिम है।।1।।
ये माना की तुम हंसी हो बहुत ही।
तो हम भी आशिकी में मुर्शिदे कामिल है।।2।।
वफा की तवक्को कर बैठा दिल।
इश्क के मझधार में मिलता ना साहिल है।।3।।
बर्बादे तमन्ना को दिल हाजिर है।
मोहब्बत में होता कहां कुछ भी हासिल है।।4।।
दीवानगी में होश कहां रहता है।
बन कर आशिक यह दिल हुआ गाफिल है।।5।।
कोशिशें तो की तुम्हे भूल जाऊं।
पर भूलता नहीं तू रूह में हुआ शामिल है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ