कोविड काल कुशलता
कोविड काल कुशलता
हाल क्या है अभी , कैसे बतलाये हम
नाश कोवीड का हो , इन्तज़ार है अब
स्वजनों की लम्बी जुदाई की चुभन
तड़फा रही दिन – प्रतिदिन अब
सांत्वना देते एक दूजे को , कह रहे हैं हम
ठीक तबीयत हमारी , पर तड़फते हैं हम
एक दूजे बिना क्या जीते हैं हम
दूर रह कर दुआ करते हैं हम
सब सलामत रहें , रोज़ कहते हैं हम
महामारी में बिछुड़े , सदा को जो जन
उन्हे याद कर – करके रोते हैं सब
दूरभाष पर मुस्कुरा कर कहते हैं सब
ख्याल अपना तुम रखना , ठीक हैं हम
सलामत रहे तो , फिर मिलेंगे हम
यही आशा संजोए जी रहे हैं हम
प्रभु लीला मे नित नित भरमते हैं हम
हाल क्या है अभी , कैसे बतलायें हम
दया राम , स. अ. (सेवा निवृत )के. वि. ाााााााााााााााााााााााााााााााााााा
निवास :- ग्रा. पाली , ग्रेटर नोयडा
जि. जी . बी .नगर ( उ. प्र. )