कोरोना
आर्यावर्त की अर्थव्यवस्था पर ,
कोरोना का प्रचंड तासीर पड़ा ,
शार्गिदों का पढ़ाई – लिखाई ,
जैसे संसर्ग समाप्य कर दिया।
कहाँ से आया, कैसे आया?
कौन है ये, पता नही हैं हमें ,
औषधि से अव्वल हम सबने ,
ब्योरा इसका मनोज्ञ ख्याति ,
कोरोना ! कोरोना ! कोरोना !
ना दवाई, ना कोई इलाज ,
इस कोरोना महामारी का ,
दिन – प्रतिदिन वर्धन जातीं ,
इनकी संख्या अनगिनतों में।
मास्क लगाना, वृन्द से दूरस्थ ,
प्रक्षालन का प्रयोग कर हमने ,
महामारी में कुछ निषेध लगाया ,
कोरोना का प्रकोप अल्प किया।
कोरोना ने ऐसा कहर बरसाया ,
मनुजों को मृत्यु के घट्ट उतारा ,
अब वैक्सीन मिलने के पश्चात ,
हमने कोरोना को दूरस्थ भगाया।
✍️✍️✍️उत्सव कुमार आर्या