कोरोना – 3
कोरोना
मंदिर मस्जिद चर्च और गुरद्वारों पर पड़े हैं ताले
तुझे ढूंढें तो कहाँ , ऐ दुनिया के रखवाले
पीर दिल की बयां करे तो किसको करे कोई
अपनी एक झलक दिखला जा ऐ दुनिया के रखवाले
कोरोना की मार का दर्द तुझसे छिप सकता नहीं
अपने बन्दों पर करम कर , ऐ दुनिया के रखवाले
माँ की चीख , स्त्री का रुदन , तुझे भी परेशां करता होगा
अपनी शख्सियत का जलवा दिखा जा , ऐ दुनिया के रखवाले
तुझसे अपने रिश्तों की दुहाई दे रहा हर एक शख्स
सबके दर्द को अपना दर्द समझ , ऐ दुनिया के रखवाले
तरस रहे एक – एक निवाले को तेरे चाहने वाले
उन सबकी भूख मिटा जा , ऐ दुनिया के रखवाले
क्यूं कर टूट जाए , ये साँसों का सफ़र
जीने की प्यास जगा जा , ऐ दुनिया के रखवाले
क्यूं कर टूट रही जीने की हर एक आस इस त्रासदी में
कोरोना के इस त्रास में जीने की आस जगा जा , ऐ दुनिया के रखवाले