कोरोना – 5
कोरोना
पड़ रही कोरोना की मार
चहुँ ओर मची है हाहाकार
मानवीय भूल का ये परिणाम
चहुँ ओर हो रही चीख पुकार
सामाजिकता पर भारी कोरोना
चाहकर भी एक दूसरे से मिलो न
सोशल डिसटेनसिंग का ख्याल रखो न
क्यूं कर हम घरों से निकलें
क्यूं न कुछ पल संग में बीतें
बेवजह न घर से निकलो
अपनी और अपनों की परवाह करो न
देश हित में कुछ तो सोचो
समाज के हित प्रयास करो न
नेताओं से तुम्हें क्या लेना
उनसे कुछ उम्मीद करो न
पैसे वालों को फ्लाइट सेवा
मजदूरों से इनको क्या लेना
अपने दम पर लड़ना होगा
कोरोना को मिटाना होगा
संभल – संभल कर रहना होगा
सोशल ग्रुप पर मिलना होगा
फेक न्यूज़ बिल्कुल न सुनना
डॉक्टरी राय को हर क्षण गुनना
घर से बाहर बिलकुल न आना
आना जो पड़े तो मास्क लगाना
स्वयं सुरक्षा करना होगा
कोरोना को मिटाना होगा
प्रकृति से खिलवाड़ करो न
उसको तुम नाराज़ करो न
जब – जब तुम दंभ दिखाओगे
कोरोना को सामने पाओगे
स्वस्थ समाज बनाना होगा
घर – घर अलख जगाना होगा
मानव तुम मानव ही रहना
परमेश्वर को नाराज़ करो न
धरती को स्वर्ग बनाना होगा
आया इतिहास रचाना होगा
कोरोना को मिटाना होगा
कोरोना को मिटाना होगा
कोरोना को मिटाना होगा