Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Dec 2020 · 1 min read

कोरोना

तू आयेगा इसी उम्मीद में, मैं हर रोज जीता हूँ,
जहर घोली हवा को, यूँ ही घुट- घुट के पीता हूँ,
जवानी क्या, बुढापा क्या, अब बे-रंगीन है दुनिया,
कोरोना काल में अब तो, सब बरबाद है दुनिया,
तरीके हर तरफ बचने की खातिर, लाख खोजा है,
मगर हम उन तरीकों में भी, नहीं महफ़ूज होते हैं,
बहुत उम्मीद है तुमसे, कि अब तुम जल्द आओगे,
दहशत भरी इस जिन्दगी को, तुम बचाओगे,
बड़ी उम्मीद में, आशा से, अपलक यूँ ही बैठे हैं,
कि तुम अब जल्द आ जाओ, निराशा दूर कर जाओ,
नहीं तो जल्द ही दुनिया में, मातम का शमा होगा,
न होगा आदमीं , न तो धराभोगी कोई होगा।।
(कोरोना वैक्सीन का इंतजार)
डाॅ धनुर्धर द्विवेदी

12 Likes · 27 Comments · 562 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पापा की परी
पापा की परी
भगवती पारीक 'मनु'
** चीड़ के प्रसून **
** चीड़ के प्रसून **
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
कितनी प्यारी प्रकृति
कितनी प्यारी प्रकृति
जगदीश लववंशी
कभी उन बहनों को ना सताना जिनके माँ पिता साथ छोड़ गये हो।
कभी उन बहनों को ना सताना जिनके माँ पिता साथ छोड़ गये हो।
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
माँ-बाप का मोह, बच्चे का अंधेरा
माँ-बाप का मोह, बच्चे का अंधेरा
पूर्वार्थ
सर्वप्रथम पिया से रंग
सर्वप्रथम पिया से रंग
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
.
.
*प्रणय*
पर्वत के जैसी हो गई है पीर  आदमी की
पर्वत के जैसी हो गई है पीर आदमी की
Manju sagar
तेरा - मेरा
तेरा - मेरा
Ramswaroop Dinkar
बंदर मामा
बंदर मामा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*दो नैन-नशीले नशियाये*
*दो नैन-नशीले नशियाये*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मैं नारी हूं...!
मैं नारी हूं...!
singh kunwar sarvendra vikram
तुम्हें लिखना आसान है
तुम्हें लिखना आसान है
Manoj Mahato
गौरैया
गौरैया
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
*पतंग (बाल कविता)*
*पतंग (बाल कविता)*
Ravi Prakash
शब्द बहुत शक्तिशाली होते है हालांकि शब्दो के दाँत नही होते ल
शब्द बहुत शक्तिशाली होते है हालांकि शब्दो के दाँत नही होते ल
Ashwini sharma
संभव है तुम्हें मेरे जैसे अनेकों लोग मिल जायें, पर ध्यान रहे
संभव है तुम्हें मेरे जैसे अनेकों लोग मिल जायें, पर ध्यान रहे
इशरत हिदायत ख़ान
यशस्वी भव
यशस्वी भव
मनोज कर्ण
भूख
भूख
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
बैठा दिल जिस नाव पर,
बैठा दिल जिस नाव पर,
sushil sarna
उदास रात सितारों ने मुझसे पूछ लिया,
उदास रात सितारों ने मुझसे पूछ लिया,
Neelofar Khan
" किताब "
Dr. Kishan tandon kranti
धड़कनों ने इबादत शुरु कर दी,
धड़कनों ने इबादत शुरु कर दी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
“ जीवन साथी”
“ जीवन साथी”
DrLakshman Jha Parimal
4470.*पूर्णिका*
4470.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बाण मां के दोहे
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
शिक्षा का महत्व
शिक्षा का महत्व
Dinesh Kumar Gangwar
बहर- 121 22 121 22 अरकान- मफ़उलु फ़ेलुन मफ़उलु फ़ेलुन
बहर- 121 22 121 22 अरकान- मफ़उलु फ़ेलुन मफ़उलु फ़ेलुन
Neelam Sharma
भारत का सामार्थ्य जब भी हारा
भारत का सामार्थ्य जब भी हारा
©️ दामिनी नारायण सिंह
Loading...