#कोरोना
कोरोना, कोरोना, अब कहो ना करोना।
है कैसे बचना बचाना, जरा यह सुनोना।।
नही कोई दहशत, बस सावधानी रखोना।
दूर अफवाहों के गर्म, बाजारों से हटोना।।
कोरोना, कोरोना, अब कहो ना करोना।
है कैसे बचना बचाना, जरा यह सुनोना।।
शहर गाँव बाजार, भीड़ खाली हो जाये।
तो जमा जन समूह, अब ईकट्ठे न आयें।।
शादी ब्याह पार्टी, गेट टू गेथर नही होना।
कुछ दिन सामान्य, जन जीवन करोना।।
कोरोना, कोरोना, अब कहो ना करोना।
है कैसे बचना बचाना, जरा यह सुनोना।।
अब बनाये ये आदत, बताये ये सब से।
फिर भगेगा कोरोना, तुम्हारे ही डर से।।
सदा छींकते व खाँसते, रुमाल रखोना।
जरा हाथ में साबुन, लगाकर धोओना।।
कोरोना, कोरोना, अब कहो ना करोना।
है कैसे बचना बचाना, जरा यह सुनोना।।
तुम्ही जरा जागरूकता, जगाओगे तब तो।
सरकारी निर्देश सबको, बताओगे तब तो।।
न छुपाए तेज बुखार, व गला दर्द सहो ना।
जो हो शक तो रुख, अस्पताल को करोना।।
कोरोना, कोरोना, अब कहो ना करोना।
है कैसे बचना बचाना, जरा यह सुनोना।।
अंधेरे भी हैं छटतें, ये सूरज देता संदेसा।
मनमानी कहाँ किसीकी, चली है हमेशा।।
है सबके अनमोल जीवन, बात समझोना।
फिर ब्यर्थ इसे अपने, हाँथो से न खोना।।
कोरोना, कोरोना, अब कहो ना करोना।
है कैसे बचना बचाना, जरा यह सुनोना।।
©® पांडेय चिदानंद “चिद्रूप”
(सर्वाधिकार सुरक्षित १९/०३/२०२०)