कोरोना
कोरोना एक बिमारी, विपदा भयो भारी।
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कुछ भी समझ ना आये, कैसी महामारी।।
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कैसी महामारी, जग को करत परेशान।
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सारा जगत खोजे, शीघ्र इसका समाधान।।
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कह मधुकर कविराय, दुख में कभी ना रोना।
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खुशी के पल होंगे, नहीं होगा कोरोना।।
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??मधुकर??
(स्वरचित रचना, सर्वाधिकार ©® सुरक्षित)
अनिल प्रसाद सिन्हा ‘मधुकर’
जमशेदपुर, झारखण्ड।