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11 Dec 2020 · 1 min read

कोरोना

कोरोना एक बिमारी, विपदा भयो भारी।
222 11 122 112 12 22
कुछ भी समझ ना आये, कैसी महामारी।।
11 2 111 2 22 22 1222
कैसी महामारी, जग को करत परेशान।
22 1222 11 2 111 1221
सारा जगत खोजे, शीघ्र इसका समाधान।।
22 111 22 21 112 1221
कह मधुकर कविराय, दुख में कभी ना रोना।
11 1111 1121 11 2 12 2 22
खुशी के पल होंगे, नहीं होगा कोरोना।।
12 2 11 22 12 22 222

??मधुकर??
(स्वरचित रचना, सर्वाधिकार ©® सुरक्षित)
अनिल प्रसाद सिन्हा ‘मधुकर’
जमशेदपुर, झारखण्ड।

3 Likes · 2 Comments · 364 Views
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