कोरोना
विद्यमान है वायरस, व्याकुल विश्व विशाल|
विपदा व्यापक है विकट, विफल वैद्य बेहाल||१
कण कण को कर्कश किया, कोरोना का काल।
कठिन काल करुणा भरा, कहर किया कंकाल||२
भोजन खाना तुम सदा, धोकर अपना हाथ|
संयम, साहस,धैर्य से, देना सबका साथ||३
सुखद सनातन साधना, सेवन शकाहार|
सावधान घर में रहे, सर्व श्रेष्ठ उपचार||४
दूर-दूर रहिए सदा, रहना ज़रा सचेत|
घर में रहिये अब सभी, परिजन आप समेत||५
-लक्षमी सिंह
नई दिल्ली