कोरोना से घिर गया
कुंडलिया
कोरोना से घिर गया ,सारा भारत वर्ष।
बाढ़ ग्रस्त हो फिर गया,भारत का उत्कर्ष।
भारत का उत्कर्ष,एक सपना था देखा।
गाँव गाँव है मर्ष, मिटा किस्मत का लेखा।
कहें प्रेम कवि राय,हाय ! भारत का रोना।
बाढ़ ग्रस्त हो गया, साथ भारत कोरोना।
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम