कोरोना वैक्सीन
मीठी सी चुभन सीने में ठण्डक
बाहों में समेटने की चाहत है !
तरसती आँखो का करार
रुकी रुकी सासों की राहत है !!
ख्वाब सी तुम हकीकत हो गयी
जीने की हसीन जरूरत हो गयी !
मर मर कर जीते रहे यूँ तेरे बिन
यूँ तेरे रस की प्यास बढ़ती गयी !!
फ़ूलों सा बदन नाजुक कदमों
से हौले हौले ठुमकते आ गयी!
शीशे सी चमकती व मचलती
जीने की उमंग तरंग आ गयी !!
अब ना देगें जाने तुझे कही
अपनी नस नस में बसा लेगे!
लहू की हर एक बून्द में
तेरी खुशबू को यूँ समा लेगें!!
✍ सलिल
??कोरोना वैक्सीन को सप्रेम समर्पित ??