कोरोना वीरो को प्रणाम
कोरोना वीरो को प्रणाम
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कोरोना वीरो का अमिट बलिदान,
याद रखेगा बच्चा बच्चा हिंदुस्तान,
इनकी मेहनत औ दरियादिली का,
गुणगान युगों युगों करेगा ये जहान !!
डर अब अंतस में रम सा गया है,
समय भी लगता थम सा गया है,
अन्तिम क्षणों में भी मिल न सके,
अंतिम क्रिया भी तो कर ना सके,
सर्व सम्पन्न का भी है ये अंजाम,
मिटा दिया सभी का अभिमान ।।
मरने को सब अब कतार लगे है,
मृत शरीरों के यों अंबार लगे है,
अपने अपनों से ही रखनी दूरी,
भूख प्यास सहना हुई मज़बूरी,
विपदा की घड़ी में लिया संज्ञान,
कोरोना वीरों का बढ़ाओ मान।।
कोरोना ने जब दुनिया को घेरा,
मानवता पर डाला अपना डेरा,
जग में मची हर दिशा हाहाकार,
जूझ रही है जनता औ सरकार,
कोरोना वीरो ने लिया संज्ञान
जिनका गुणगान करे सारा जहान।।
अस्त्र शस्त्र कोई काम न आया,
धन बल भी जब काम न आया,
बनकर आया वो ऐसा महाकाल,
घरों से निकला भी हुआ मुहाल,
तब कोरोना वीर बन गए भगवान,
नतमस्तक उन्हें करता हर इंसान।।
बनते थे जो दुनियां के आका,
मिटने लगा उनका भी खाका,
हर कोई निर्बल नज़र आता है,
टूट रहा घर का घर से नाता है,
जिन्होने बचाई अनगिनत जान,
नमन करे उनको समस्त जहान।।
डाक्टर, नर्स, व अन्य सहकर्मी
पुलिस सहित सभी सुरक्षाकर्मी,
संघर्षरत है समस्त सफाईकर्मी,
युद्ध करने आया वायरस अधर्मी
हराकर रहेंगे हमारे शूरमा महान,
संघर्ष इनका देखेगा आसमान।।
जन मानष का हो यही अभियान
कर्म वीरो का दिल से हो सम्मान
छोड़ो अंतर्मन का झूठा अभिमान
मानवता की यही सच्ची पहचान
कोरोना वीरों को करूँ चरण वंदन
शत शत नमन, कोटिश प्रणाम।।
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स्वरचित: डी० के० निवातिया