-कोरोना लौट कर मत आना
कोरोना दुबारा मत आना,
मानव की गलती से तु जन्मा
प्रकृति से खिलवाड़ किया
उसका ही इनाम मिला,
माना तूने बहुत कुछ सिखाया,
अपनी औकात क्या
हमेंयह भी दिखाया
परिवार के हर रिश्ते
को पास पाया,
इतने सालों में जब
सबने साथ बैठ खाना खाया,
बच्चों ने भी पापा,चाचू दादा
संग कैरम,लूडो, सांप-सीढ़ी में
अपना दांव जमाया,
डर से भयभीत थे लेकिन
सबने मिलकर हाथ बढ़ाया,
खुशकिस्मत हम औरतें
सासुंमा के के व्यस्त बेटे ने भी
गोलगप्पे, टिक्की बना हमको खिलाया,
बहुत दिनों व्याकुल हम, चटपटा खा
अपने आपको खुशकिस्मत माना,
सबकुछ अच्छा था,
पर कोरोना तुम पहले की तरह
लौट कर नहीं आना।
कोशिश यही रहेगी
प्रकृति की देखभाल करेंगे,
सबको इसके लिए
मिलकर प्रेरित करेंगे।
– सीमा गुप्ता अलवर