कोरोना में बाउन्स बॅक – आनंदश्री
कोरोना में बाउन्स बॅक – आनंदश्री
-क्या होगा जब आपकी सारी जिंदगी ही बदल जाये?
-क्या होगा कल जब कोई आपका बिछड़ जाए?
– ऐसे सवालों का जवाब है आज का यह जीवन को रूपांतरित करने वाला लेख।
जीवन उतार और चढ़ाव का सीरीज है। दोनों चक्रों के बीच मे जीवन चलता है। हम सभी को दर्दनाक घटनाओं का सामना करना पड़ता है, यह काल सभी के जीवन मे आता ही आता है।
कुछ टूट जाते है कुछ रिकॉर्ड तोड़ जाते है।
हम उन बातों को समझेंगे,प्रयोग करेंगे जो हमारे नाटकीय रूप से धन स्वास्थ्य, प्रेम,सफलता, ख़ुशी लाकर बहुत कुछ बदल सकता है।
यही सही समय है इन बातों को ग्रहण कर प्रयोग करने का। यह लॉक डाउन धोका नही बल्कि मौका दे रहे है ऊर्जावान और सकारात्मक होने का।
हमारे अंदर एक जबरदस्त ऊर्जा शक्ति का भंडार है। जिसे उपयोग में लाये या न लाये वह नष्ट होते जा रही है।
हमारा मन दो भागो में बांटा गया
चेतन ( जाग्रत मन) और अवचेतन ( अर्ध जाग्रत मन)।
तीन चरणों मे जीवन को उभार सकते है।
स्टेप 1- अपने माइन्ड ( जाग्रत मन ) को प्रोग्राम करें।
स्टेप 2- अपने सबकोंसियस माइन्ड ( अर्धजाग्रत मन ) को प्रोग्राम करें।
स्टेप 3- अपने वायब्रेशन को सकारात्मक, प्रेम और आनंद से भर दो।
अपनी समस्या और प्रतिकूल को परिस्थितियों में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए यह तीन स्टेप को प्रतिदिन करें। यह एक शक्तिशाली अभ्यास है।जो दिमाग के अवचेतन और चेतन मन को पुनः जाग्रत कर एक सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण करता है।
यह सब सिस्टम आपके इमोशन पर काम करता है। बाहरी दुनिया और हमारे अंदर की दुनिया के बीच मे ” विचार ” महत्व पूर्ण भूमिका निभाती है। आपके विचारों को सही आकार दे।
दर्द, नफरत, डर, ईर्ष्या, अवसाद को दूर करने की कुंजी आपके विचार में है।
आपके साथ क्या हुआ है, आपका बहुत काल कैसा था आप आज अभी इसी समय विचार को बदल कर बदल सकते है।
आप अपने चेतन और अवचेतन में क्या डाल रहे हो। ध्यान दे।
ध्यान करें। 24 घंटे आप ध्यान में रह सकते है।आप का तनाव काम होगा। आपका वायब्रेशन (कंपन ) परिवर्तन होगा।
अगर आप फंस गए है,कम ऊर्जा, नकारात्मकता, कंही अटके अटके से महसूस कर रहे हो तो उस ब्लोकेज को निकालना बहुत जरूरी होता है।मानसिक ब्लॉकेज को मानसिक ब्लॉकेज से ही निकाला जा सकता है।
दो सशक्त हथियार मैं आपको दे रहा हूँ-
माफ करना सीखें।
कई बार मन मे बहुतो के प्रति नफरत, उदासीनता, नकारात्मक भाव हममे डर, अवसाद और चिड़चिड़ा को उत्पन्न करता है। इससे मुक्त होने के लिए माफ करना सीखें, माफ करे, क्षमा ध्यान करें।
मैं हमेशा एक प्रार्थना करता हूँ और वह है ” हो ओ पोनो पोनो ”
यह क्षमा करने वाला प्राचीन हवाई प्रार्थना है जो कहता है
मै तुम्हे प्रेम करता हूँ,
मुझे क्षमा करें
मुझे माफ कर दो
धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद
यह आपके मन के बरसो बंद दरवाजे को खोल देंगे।
दूसरा हथियार है – धन्यवाद
जब भी मौका मिले, धन्यवाद कहिए। इस सृष्टि को, संसार को, राष्ट्र को, समाज और परिवार के हर सदस्य को, धन्यवाद, धन्यवाद, धन्यवाद कहें।
आप सभी अपने काल्पनिक दुखो से मुक्ति पाकर आगे बढ़ सकते है। अग्रिम शुभकामाएं, शीघ्रम शुभम।
दूसरा लॉक डौउन एक मौका है, फिर से माफ धन्यवाद करके खाली होकर बाउन्स बॅक होने का।
माना कि वक्त सता रहा है
लेकिन जीना भी तो सीखा रहा है।
प्रो डॉ दिनेश गुप्ता -आनंदश्री
आध्यात्मिक व्याख्याता, माइंडसेट गुरु
मुम्बई
8007179747