कोरोना पर एक पैरोड़ी गीत
कोरोना पर एक पैरोडी
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कोरोना कोरोना
कोरोना कोरोना
चीन चान के चाँद बाग से चार कोरोना लाये
कोरोना कोरोना
कोरोना कोरोना
चार देश में चार भेष में चार कोरोना ढाए
कोरोना कोरोना
कोरोना कोरोना
आना ना पास मुझे छूना ना तुम
जाना ना बाहर तुम्हें मेरी कसम
छाया कोरोना है देश में मेरे
लगालो मास्क निभाओ पूरे नियम
आना ना पास मुझे छूना ना तुम
जाना ना बाहर तुम्हें मेरी कसम
आया कोरोना है देश में मेरे
लगा लो मास्क निभाओ पूरे नियम
आना ना पास मुझे छूना ना तुम
जाना ना बाहर तुम्हें मेरी कसम
कोरोना कोरोना
कोरोना कोरोना
जनता सारी इस वायरस को सुनकरके घबराए
गर करती वो लापरवाही तो वायरस हो जाए
कोरोना कोरोना
कोरोना कोरोना
मुँह पे चुनरी निकल बाँध के गौरी है शरमाये
सैनिटाइजर डाल हाथ में बाहर गौरी जाए
देखो रे देखो निभाए गौरी पूरे नियम
बाहर ना जाओ तुम्हें मेरी कसम
आया कोरोना है देश में मेरे
लगा के मास्क निभाओ पूरे नियम
आना ना पास मुझे छूना ना तुम
जाना ना बाहर तुम्हें मेरी कसम
कोरोना कोरोना
कोरोना कोरोना
बहुत काम से बाजारों में जब हो तुम को जाना
सर से लेकर पाँव तक तुम सैनिटाइजर लगाना
कोरोना कोरोना
कोरोना कोरोना
जी करता ये लोकड़ाऊंन में घर पे तुझे बिठाऊँ
सुबह से लेकर शाम तलक फिर तेरे पाँव दबाऊँ
बढ़ती ही जाए रात हो ना खतम
बाहर ना जाना तुम्हें मेरी कसम
आया कोरोना है देश में मेरे
लगालो मास्क निभाओ पूरे नियम
आना ना पास मुझे छूना ना तुम
जाना ना बाहर तुम्हें मेरी कसम
आया कोरोना है देश में मेरे
जाना ना बाहर तुम्हे मेरी कसम
आना ना पास तुम्हे मेरी कसम
लगा लो मास्क तुम्हें मेरी कसम
कोरोना कोरोना
कोरोना कोरोना
संजय कुमार गिरि