कोरोना दोहावली
********* कोरोना दोहावली*********
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कोरोना प्रहार से , जनता हुई स्तब्ध
भय का साया छा गया,जनमत हुआ क्षुब्ध
कोरोना की मार से,जन जन है भयमीत
सौशल दुरियाँ बढ़ गई, नहीं रहा मनमीत
मुंह पर मास्क लगाइए,तभी निकले बाहर
कुहनी पर तूम खांसिए, बनाए ना कतार
घर में ही तुम ठहरिए , रहें वहीँ सुरक्षित
घर की चारदिवारी में , रहें निज आरक्षित
कोरोना संक्रमण से,विश्व हुआ है ग्रस्त
लाखों जान निगल गया, हौंसले हुए पस्त
लॉकडाउन निषेधाज्ञा, मात्र यह है उपाय
सुरक्षा चक्र टूट गया , होंगे तुम निसहाय
सरकारी फरमान का,करो तुम अनुपालन
जनहित में जारी किए,नियम और कानून
चीन देश का है नगर,वुहान जिसका नाम
कोरोना उद्गम केन्द्र, मच गया कोहराम
चाय काढा पीजिए , गर्म नीर के घूंट
गला भी साफ रहेगा , करेगा यही सूट
सोच समझ कर लीजिए,ठोस दृढ़ कदम
खान पान ऐसा करें , हो जाए जो हजम
कुछ दिनों की सावधानी,उम्र भर आराम
कष्ट काल कट जाएगा,होगा कष्ट विराम
सुखविंद्र की पुकार है,सुनो लगाके ध्यान
कोरोना महामारी , विश्व बहुत परेशान
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)