कोरोना तूने घर का बजट बिगाड़ा
*** कोरोना तूने घर का बजट बिगाड़ा **
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कोरोना तूने घर का है बजट बिगाड़ा,
जन जन का घर जड़त्व से है खूब उजाड़ा।
जिसने जो भी हमको है उपचार सुझाया,
जैसे तैसे भी हमने अमलीजामा पहनाया,
फिर भी अफवाहों ने है मानसिक लताड़ा।
जन जन का घर जड़त्व से है खूब उजाड़ा।
होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति को खंगाला,
आयुर्वेदिक ज्ञान सारा झट में है पढ़ डाला,
एलोपैथी उपचार पद्वति ने है खूब पछाड़ा।
जन जन का घर जड़त्व से है खूब उजाड़ा।
आयुष का काढ़ा पी पी कर कंठ जलाया,
हल्दी वाला दूध भी पी कर सकून न पाया,
अदरक , शहद,काली मिर्च से गला फाड़ा।
जन जन का घर जड़त्व से है खूब उजाड़ा।
अज़ीथ्रोमिसिन एंटीबायोटिक टैब खाया,
ओपेराजोल कैप्सूल खाली पेट भी खाया,
विटामिन सी की गोली ने तन को उघाड़ा।
जन जन का घर जड़त्व से है खूब उजड़ा।
वोवरन SR गोली भी सुबह शाम खाई,
मोन्टाइर FX टैबलेट भी रात को है चबाई,
मुल्तानी कूका खाँसी ने बलगम उखाड़ा।
जन जन का घर जड़त्व से है खूब उजाड़ा।
मनसीरत ने छोड़े देखने खबरों के चैनल,
ढूढ़ रहा हूँ निज घर मे ही सुरक्षित पैनल,
प्राणायाम से ऑक्सिजन स्तर भी लताड़ा।
जन जन का घर जड़त्व से है खूब उजाड़ा।
कोरोना तूने घर का है बजट बिगाड़ा।
जन जन का घर जड़त्व से है खूब उजाड़ा।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)