कोरोना…..कोरोना…..कोरोना…..
कोरोना…..कोरोना…..कोरोना…..
देखो तुम डरो ना
सही बात मानो ना
ग़लत तुम करो ना
देखो तुम डरो ना
पास तुम आओ ना
हाथ साफ़ करो ना
देखो तुम डरो ना
बाहर तुम जाओ ना
अंदर तुम रहो ना
देखो तुम डरो ना
बेसब्र तुम होओ ना
सब्र तुम रखो ना
देखो तुम डरो ना
मुश्किल के दिन हैं ना
कट जायेगें ये भी ना
देखो तुम डरो ना
संतोषं परम सुखं ना
थोड़े में गुज़र ना
देखो तुम डरो ना
सब मिल कर रहो ना
देखो तुम लड़ो ना
देखो तुम डरो ना
हालात बहुत नाज़ुक हैं ना
फिर भी तुम डटो ना
देखो तुम डरो ना
महामारी को भगाओ ना
अलख ये जगाओ ना
देखो तुम डरो ना
दिन ये भारी हैं ना
लेकिन जीत हमारी है ना
देखो तुम डरो ना
देखो तुम डरो ना ।
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 26/03/2020 )