“कोरोना के दौर में “
कोरोना के दौर में हमनें,
कुछ खोया, कुछ पाया है।
जीवन है अनमोल हमारा,
जीना हमें सिखाया है।
दो गज की दूरी को हमनें,
जीवन में अपनाया है।
ज्यादा घुलने मिलने से,
कौन यंहा बच पाया है।
खुद की केयर करने से,
कोरोना को हराया है।
मिल गया जो अपना है,
बाकी सब पराया है।
अपनों के बीच में रहना,
कोरोना ने सिखलाया है।
बेशक बेरोजगार रहे हों,
पर अपनों को भी पाया है।
डर के आगे जीत हमेशा,
कोरोना को भगाया है।
कोरोना के दौर में हमनें,
कुछ खोया, कुछ पाया है।
@बलकार सिंह हरियाणवी।