कोरोना के खतरे से देश को बचाइये
विनय
नाथन के नाथ दीनानाथ मुरली बजइया,
संकट में भक्त पड़े कृपा दिखलाइये।
एक महामारी ने है सुख चैन छीन लिया,
मन में भरा है डर उसको भगाइये।
बंसी को बजाओ चाहे चक्र ही चलाओ नाथ,
पीड़ा को समझ इस व्याधि को मिटाइये।
कालिया के जहर से गोकुल बचाया जैसे,
कोरोना के खतरे से देश को बचाइये।।
डॉ विवेक सक्सेना