कोरोना की लहर पार्ट 2
कुदरत ने देखो ये कैसा कमाल कर दिया
धोती थी फाड़ कर इसे रूमाल कर दिया
ना आंधी, ना तूफान, ना बादल, ना घटा
ये कैसी बारिश थी गीला माहौल कर दिया
आंखों में ना आंसू थे दिल रोया ज़ार ज़ार
अपना कोई बिछुड़ गया ये क्या हाल कर दिया
सांस लेना भी मुश्किल हुआ पत्थरों के शहर में
चमन की हरियाली को कंक्रीट का जाल कर दिया
जागो जागो अब तो जागो जब जागो तब सवेरा
एक नई सुबह ने फिर सबको खुशहाल कर दिया
वीर कुमार जैन
25 जून 2021