Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Dec 2020 · 1 min read

कोरोना एक सीख

अमर कोई नही इसका हमको पूरा ज्ञान था l
पर हाँ अपनी हर एक बात पे हमको गुमान था l
बंगला,गाड़ी ,जहाज से कम में हम कहाँ संतुष्ट थे ?
कामयाबी की चकाचौंध से बन गए हम धृतराष्ट्र थे l
जानवर पंछी सब मनोरंजन के साधन थे l
धरती पर अपना एकमेव राज मानने वाले इंसा ही तो थे l
कोरोना का ऐसा प्रकोप आया l
इंसा पिंजड़े में और पंछी ने खुला आसमान पाया l
प्रकृति निखरने लगी और पंछी चहचहाने लगे l
यह देख पिंजडे में बंद इंसा ये सोचने लगे l
अपने ही हाथों हमने इस सुंदर प्रकृति को तोड़ा है l
सीमीत कर दी जल की धारा और पारितंत्र को छेड़ा है l
अपने ही हाथों हमने अपनों की श्मशान बना डाली l
इस बीमारी के चलते तो अपनों की राख भी ना मिल पानी l
रोते रोते साल बीत गया, अब भी वही कहानी है l
ईश्वर हमको माफ करे,अपनी गलती हमने मानी है l

17 Likes · 40 Comments · 721 Views

You may also like these posts

मौन आमंत्रण
मौन आमंत्रण
Namita Gupta
किस बात की चिंता
किस बात की चिंता
Anamika Tiwari 'annpurna '
उड़ान!
उड़ान!
Kanchan Alok Malu
कहाँ लोग सुनेला
कहाँ लोग सुनेला
आकाश महेशपुरी
दिलकश नज़ारा
दिलकश नज़ारा
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
सृष्टि की रचना हैं
सृष्टि की रचना हैं
Ajit Kumar "Karn"
6. धारा
6. धारा
Lalni Bhardwaj
लहरों सी होती हैं मुश्किलें यारो,
लहरों सी होती हैं मुश्किलें यारो,
Sunil Maheshwari
गिलहरी
गिलहरी
Kanchan Khanna
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
एकाकीपन का सच*
एकाकीपन का सच*
Rambali Mishra
कहां गए वो लोग ?
कहां गए वो लोग ?
ओनिका सेतिया 'अनु '
यादों की किताब पर खिताब
यादों की किताब पर खिताब
Mahender Singh
4912.*पूर्णिका*
4912.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अगर तलाश करूं कोई मिल जायेगा,
अगर तलाश करूं कोई मिल जायेगा,
शेखर सिंह
हर रिश्ता
हर रिश्ता
Dr fauzia Naseem shad
*
*"रक्षाबन्धन"* *"काँच की चूड़ियाँ"*
Radhakishan R. Mundhra
मौसम....
मौसम....
sushil yadav
मैं कौन हूं
मैं कौन हूं
Dr Nisha Agrawal
अभी एक बोर्ड पर लिखा हुआ देखा...
अभी एक बोर्ड पर लिखा हुआ देखा...
पूर्वार्थ
कुछ तो पोशीदा दिल का हाल रहे
कुछ तो पोशीदा दिल का हाल रहे
Shweta Soni
हास्यगीत - ओनु लुलुआ के
हास्यगीत - ओनु लुलुआ के
सिद्धार्थ गोरखपुरी
जैसे हम,
जैसे हम,
नेताम आर सी
वक्त
वक्त
Mansi Kadam
हाथ की लकीरों में फ़क़ीरी लिखी है वो कहते थे हमें
हाथ की लकीरों में फ़क़ीरी लिखी है वो कहते थे हमें
VINOD CHAUHAN
"पर्दा"
Dr. Kishan tandon kranti
“शादी के बाद- मिथिला दर्शन” ( संस्मरण )
“शादी के बाद- मिथिला दर्शन” ( संस्मरण )
DrLakshman Jha Parimal
ਹਕੀਕਤ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ
ਹਕੀਕਤ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ
Surinder blackpen
क्यों नहीं आती नींद.
क्यों नहीं आती नींद.
Heera S
*चिकित्सा: छह दोहे*
*चिकित्सा: छह दोहे*
Ravi Prakash
Loading...