//… कोरोना उपरांत…//
//…कोरोना उपरांत…//
बीत रहे अब ,
दुख और भय से ,
अवसाद भरे दिन,
टूट रही है कड़ी ,
दूसरी लहर की…!
धीरे-धीरे ही सही,
फिर से रौनक लौट
रही है मेरे शहर की…!
बंद हुए ,
दरवाजे घर के
तंग हो गए थे
सारे रिश्ते-नाते…!
गरीब मजदूरों की तो
कुछ ना पूछो…बेचारे ,
क्या कमाते,क्या खाते…?
मानवता की ,
बुनियाद हिली
आखिर…
दवा कहां मिली…!
व्यवस्था के भी
क्या कहने…?
सिलेंडर कहीं
फटी- सिली…!
व्यवस्था की रेल ,
अब पटरी पर ,
आ रही है…!
कड़ी धूप में
अब सावन घटा
छा रही है…!
तीसरी लहर से
बचना अब
तुम्हारी परीक्षा है…!
मास्क लगाना,
घर में रहना
यही तुम्हारी
सच्ची दीक्षा है…।।
चिन्ता नेताम “मन”
नगर पंचायत डोंगरगांव
जिला – राजनांदगांव (छत्तीसगढ़)