कोरोना – इफेक्ट
अति सूक्ष्म एक जीव है,
मचाये सकल जगत उत्पात।
विपरीत हैं परिस्थितियाँ,
किन्तु हास्य के हैं हालात।
माहौल था कोरोना का,
चढ़ी एक दूल्हे की बारात।
मास्क लगा दूल्हे के मुँह पर,
बाराती भी इसी वेष में साथ।
खिसियाया सा दूल्हा बोला –
पिताजी, कैसी शादी, क्या बारात?
ऐसा लग रहा जैसे लूट के लिये,
निकला हो डकैतों का दल आज।
रचनाकार :- कंचन खन्ना,
मुरादाबाद, ( उ०प्र०, भारत)।
सर्वाधिकार, सुरक्षित (रचनाकार)।
दिनांक :- ०३/०५/२०२१.