Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Nov 2021 · 1 min read

कोरोनाने वार किया इंसानियत पर….

कोरोनाने वार किया इंसानियत पर,
मानव पर टूटा आफत बनकर…!
जैसे थरा धुजति है भूकंप से,
वैसे मानवजात कि गरिमा को हिलाया….!!
हर इंसान खौफ में जिया,
जैसे क़ुदरतने दी हो सजा…!!
मुफ्त में मिलनेवाली प्राणवायु,
बिक रही थी ऊँचे दामोंमें,
अपनों को अपनों से दूर किया,
छीनली सारी मानवता….!
प्यार को थोड़ा कम जरूर कियाँ,
लेकिन अपनों को भुलाना थोड़ा आसान था….!!
कोरोनाने ढाए सितम इतने,
दिलके करीबियों को छीना,
तोडा हमारा भरम….लेकिन…
मन मजबुत था सबका तभी तो जी पाए हम….!!!

Language: Hindi
140 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अपार ज्ञान का समंदर है
अपार ज्ञान का समंदर है "शंकर"
Praveen Sain
तुम मेरे हो
तुम मेरे हो
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
बारिशों में कुछ पतंगें भी उड़ा लिया करो दोस्तों,
बारिशों में कुछ पतंगें भी उड़ा लिया करो दोस्तों,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सीखा दे ना सबक ऐ जिंदगी अब तो, लोग हमको सिर्फ मतलब के लिए या
सीखा दे ना सबक ऐ जिंदगी अब तो, लोग हमको सिर्फ मतलब के लिए या
Rekha khichi
54….बहर-ए-ज़मज़मा मुतदारिक मुसम्मन मुज़ाफ़
54….बहर-ए-ज़मज़मा मुतदारिक मुसम्मन मुज़ाफ़
sushil yadav
कामयाबी का जाम।
कामयाबी का जाम।
Rj Anand Prajapati
हमारी संस्कृति में दशरथ तभी बूढ़े हो जाते हैं जब राम योग्य ह
हमारी संस्कृति में दशरथ तभी बूढ़े हो जाते हैं जब राम योग्य ह
Sanjay ' शून्य'
*भूमिका*
*भूमिका*
Ravi Prakash
ख्वाइश है …पार्ट -१
ख्वाइश है …पार्ट -१
Vivek Mishra
ये सर्द रात
ये सर्द रात
Surinder blackpen
2604.पूर्णिका
2604.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
किसी अनमोल वस्तु का कोई तो मोल समझेगा
किसी अनमोल वस्तु का कोई तो मोल समझेगा
कवि दीपक बवेजा
सच और सोच
सच और सोच
Neeraj Agarwal
"तर्के-राबता" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
14--- 🌸अस्तित्व का संकट 🌸
14--- 🌸अस्तित्व का संकट 🌸
Mahima shukla
बहुत कुछ बोल सकता हु,
बहुत कुछ बोल सकता हु,
Awneesh kumar
फौजी की पत्नी
फौजी की पत्नी
लक्ष्मी सिंह
*** नर्मदा : माँ तेरी तट पर.....!!! ***
*** नर्मदा : माँ तेरी तट पर.....!!! ***
VEDANTA PATEL
बदले की चाह और इतिहास की आह बहुत ही खतरनाक होती है। यह दोनों
बदले की चाह और इतिहास की आह बहुत ही खतरनाक होती है। यह दोनों
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
राम कृष्ण हरि
राम कृष्ण हरि
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
प्रार्थना
प्रार्थना
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
जो मेरा है... वो मेरा है
जो मेरा है... वो मेरा है
Sonam Puneet Dubey
" क्यों? "
Dr. Kishan tandon kranti
👍👍
👍👍
*प्रणय प्रभात*
रिटायमेंट (शब्द चित्र)
रिटायमेंट (शब्द चित्र)
Suryakant Dwivedi
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
जब जब तुम्हे भुलाया
जब जब तुम्हे भुलाया
Bodhisatva kastooriya
आप नौसेखिए ही रहेंगे
आप नौसेखिए ही रहेंगे
Lakhan Yadav
जंगल, जल और ज़मीन
जंगल, जल और ज़मीन
Shekhar Chandra Mitra
बहुत आसान है भीड़ देख कर कौरवों के तरफ खड़े हो जाना,
बहुत आसान है भीड़ देख कर कौरवों के तरफ खड़े हो जाना,
Sandeep Kumar
Loading...