कोरी स्लेट
बन जाऊं मैं कोरी स्लेट,
जो लिखूँ व मिटा भी दूँ आसानी से l
बन जाऊं वह शिला मजबूत,
जिसको हटा न सके, तेरे -मेरे बीच l
बन जाऊं मैं वह फूल,
जो महकते रहे, तेरे मार्ग में l
बन जाऊं निर्मल धारा,जल की,
जो तेरी प्यास को बुझाती रहे l
बन जाऊं, वह स्वर्ण अक्षर,किताबों में,
जो सदियों तक जाने जाए, हम दोनो को l
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