¡~¡ कोयल, बुलबुल और पपीहा ¡~¡
मौसम आया है गर्मी का, कोयल की कूंक लगे प्यारी
पीपल, गूलर पर फल आए, गायें पंक्षी महंके क्यारी
मौसम आया है……..
1) पपीहा टेर सुनाए, खाए गर्मी के फल नए – नए
गाये नया तराना बुलबुल, सबके मन प्रसन्न भए
पतझड़ गया बसंत है आया, महकी सारी फुलवारी
मौसम आया है……..
2) सुबह हुई चिड़िया चहचाईं, भंवरों ने गुंजार किया
बगिया का दामन प्रसन्नचित्त, धरती को नव रूप दिया
तितली सैर करें फूलों पर, फूल खिले कितने भारी
मौसम आया है……….
3) बारिश ने आ दस्तक दी, अंबर से बरसा भर – भर जल
पेड़ लगाओ बाग उगाओ,पेड़ से जल तो ही तो कल
पहला कदम आपका हो, प्रकृति रहेगी आभारी
मौसम आया है………
लेखक :- खैमसिंह सैनी
भरतपुर,( राजस्थान )
मो.न. 9266035599