कोई होगा देश कैसा देखना।
गज़ल
काफिया-आ स्वर की बंदिश
रदीफ- देखना
2122…….2122…….212
कोई होगा देश कैसा देखना।
देश का जैसा हो नेता देखना।
गर अमीरों का है नेता रहनुमा,
तो ग़रीबी का शिकंजा देखना।
जब दवा कोई न करती हो असर,
सर पे अपने मां का पंजा देखना।
बेसहारा जब करो महसूस तुम,
दोस्त का ही अपने कंधा देखना।
दूर मायूसी को करना हो अगर,
तब किसी बच्चे का हँसता देखना।
उसको बच्चा ही समझना चाहिए,
चाँद के खातिर मचलता देखना।
प्रेम जब प्रेमी की आँखों में लगे,
उसकी आँखों को चमकता देखना।
……✍️प्रेमी