कोई रोक नही सकता
सच को कितना भी दफना दो,
एक न एक दिन बाहर आ जाता है।
आफताब बनकर वह अपना चमक,
दुनिया को दिखला देता है।
दबा रहता है कोयले के खदान मे हीरा,
पर जिस दिन निकलता है
अपने आस्तित्व के अनुसार निखर आता है।
है ज्ञान की शक्ति किसी इंसान मे तो,
वह गर्दिश से भी निकलकर
अपनी पहचान इस दुनिया मे बना लेता है।
~अनामिका